ॐ त्रयंबकं यजामहे सूगंधी पुष्टि वर्धनम्।
उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षिय मामृतात ।।
अर्थात
हम भगवान शंकर की पूजा करते हैं , जिनके ३ नेत्र हैं , जो प्रत्येक श्वास में जीवन शक्ति का संचार करते हैं, जो सम्पूर्ण जगत का पालन पोषण अपनी शक्ती से कर रहे हैं। उनसे हमारी प्रार्थना है की वो हमें मृत्यु के बन्धनों से मुक्त कर दें , जिससे मोक्ष की प्राप्ति हो जाए ।
मंत्र के लाभ - यह मंत्र जीवन प्रदान (अकाल मृत्यु ,दुर्घटना इत्यादि )
यह मंत्र सर्प बिच्छु के काटने पर भी अपना पुरा प्रभव रखता है ।
इस मंत्र का महत्वपूर्ण लाभ है कठिन एवं असाध्य रोगों पर विजय प्राप्त करना ।
यह मंत्र हर बीमारी को भगाने का बड़ा शस्त्र है ।
हर हर महादेव ।
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