ये बात तो सब जानते है की कलियुग में एकमात्र हनुमान जी ऐसे देवता है जो धरती पर है, पर सवाल ये उठता है की अगर वो धरती पर है तो कहा क्योंकि मूर्ति में तो आप हर देवता के दर्शन करते है l हम आज ये बताने जा रहे है की पवनपुत्र हनुमान सिर्फ मूर्ति में ही नहीं हकीक़त में धरती में विराजमान है और ऐसा माना जाता है की वो हिमालय के जंगलो में वास करते है !
त्रेतायुग के अंत में जब भगवान् राम बैकुंठ धाम को पधार गए थे उस वक़्त कोई था जो कलियुग के अंत तक धरती पर भगवान् राम की भक्ति और जन कल्याण हेतु रुका l कलियुग में एकमात्र भगवान् बजरंग बली है जिनका अस्तित्व आपको इस धरातल पर मिलेगा जो आपको बताएगा की हिन्दू धर्म कितना प्राचीन और महत्वपूर्ण है l
आप जो अब पढने जा रहे है वो न ही सिर्फ दिलचस्प है बल्कि अविश्वसनीय भी, इसे पढने और जानने के बाद आपका भगवान् के प्रति श्रधा व विश्वास और दृढ होगा….जय बजरंग बली !
आगे जानिये की रामायण काल खत्म होते ही हनुमान जी कहा और किस जगह साक्षात भ्रमण करते रहे और उन्होंने कौन सा ऐसा मन्त्र दिया जिसके जाप से वो स्वयं प्रगट हो जाते है पर उस मन्त्र के जाप के लिए भी आपको 2 शर्ते पूरी करनी पड़ती है, और आज के वक़्त को देखते हुए हर किसी में इतना सामर्थ्य नहीं की वो ये दो शर्ते पूरी कर पाए अगर वो शर्ते या नियम कोई पूरी करता है तो वो प्रजाति श्री लंका के जंगलो में रहती है और हर ४१ साल बाद उनकी पीढ़ी हनुमान जी के दर्शन प्राप्त करती है l
बजरंग बली अमर है उन्हें वरदान है की वो इस कलियुग में धरती पर राम भक्तो के कल्याण के लिए रहेंगे जहाँ कही भी राम कथा और राम कीर्तन होगा वो वो वहां अदृश्य रूप से प्रस्तुत रहेंगे l लेकिन ये तो बात हुई अदृश्यता की अब बात करते है उनके साक्षात् स्वरूप की l त्रेतायुग के बाद जब द्वापरयुग आया जिसमे भगवान् कृष्ण के काल के समय भी कई जगह हनुमान जी का प्रसंग सुनने को मिला l कलियुग में सन 1300 में संत माधवाचार्य के आश्रम में हनुमान जी का आगमन हुआ था उसके बाद सन 1600 वो तुलसीदास जी को रामायण का हिंदी अनुवाद लिखने के लिए कहने आये थे, यहाँ पर सिलसिला थमा नहीं रामदास स्वामी , राघवेन्द्र स्वामी, श्री सत्य साईं बाबा इन सब ने पवनपुत्र हनुमान के साक्षात्कार किये है l
आगे जानिये की श्री लंका में वो कौन सी कम्युनिटी है जो आधुनिकीकरण से खुद को काटे रखा और और अपने पूर्वजो द्वारा निर्देश दिए हुए नियमो से बजरंग बली का आवाहन करती है !
धरती पर जहाँ जहाँ भी हनुमान ने विचरण किया वहा पर उनके चरण चीन्ह देखे जा सकते है l
ये है वो मंदिर जो बजरंग बली के रहने के स्थान के नाम से जाना जाता है, यह स्थान तमिलनाडू राज्य के रामेश्वरम के नज़दीक गंद्मादना पर्वत पर स्थित है और ऐसा माना जाता है की ये ही वो स्थान है जो हनुमान जी का रेजिडेंस प्लेस कहलाता है l
क्या आप ये जानते है की वो आज भी लोगो की मदद करने के लिए आते है पर अदृश्य रहते है, दृश्य सिर्फ एक ख़ास समुदाय के लोगो को है जो श्री लंका के जंगलो में रहते है l हनुमान जी ने एक मन्त्र दिया था उन लोगो को जिसके ज़रिये वो पवनपुत्र हनुमान का आवाहन करेंगे और उनके दर्शन प्राप्त कर सकेंगे पर उस मन्त्र का कोइ दुरूपयोग न करे इसके लिए हनुमान जी ने 2 शर्ते या कहे नियम रखे जिसका सही अर्थ केवल इसी प्रजाति के लोग ही समझते हैl
कालतंतु कारेचरन्ति एनर मरिष्णु , निर्मुक्तेर कालेत्वम अमरिष्णु
ये वो चमत्कारी मन्त्र है जिसके पाठ और जाप से आप पवनपुत्र हनुमान के दर्शन प्राप्त कर सकते है l
इस मन्त्र का रहस्य आपको आगे पता चलेगा !
मन्त्र तो आपको पता चल गया लेकिन इसमें 2 नियम महत्वपूर्ण रखते है जो अनिवार्य है
पहली ये की आपकी अंतरात्मा को ये ज्ञात हो की उसका क्या सम्बन्ध है बजरंग बली से अर्थात वो एक भक्त का रिश्ता रखता है या शिष्य का या भाई बंधू सम्बन्ध का l सिर्फ इस मन्त्र को आजमाने के लिए ही नहीं आप उच्चारण कर सकते l
दूसरी कंडीशन ये की जिस जगह पर आप इस मन्त्र का उचारण कर रहे होंगे वहा से तकरीबन 980 मीटर की दूरी पर केवल वही मनुष्य उपस्थित होंगे जिन्होंने पहली औपचारिकता पूरी करी हो l अर्थात अगर वहा पर कोई मनुष्य उपस्थित भी हो तो केवल वो जिसकी अंतरात्मा को बजरंग बली से क्या सम्बन्ध है पता हो l
आगे जानिये की पवनसुत हनुमान ने किसकी सेवा से प्रसन्न होकर ये मन्त्र वरदान स्वरूप दिया और आज भी वो लोग जब हनुमान जी का आवाहन करते है तो आखिरी बार वो कब आये थे l
श्री लंका में एक जगह है पिदुरुथालागला जहाँ के पिदुरु पर्वत के जंगलो में एक विशेष जनजाति के लोग रहते है जिनके पूर्वजो को हनुमान जी ने ये मन्त्र वरदान स्वरूप दिया थाl
भगवान् राम के जाने के बाद हनुमान जी जंगलो में विचरण करते रहे और ऐसे ही जंगलो में वास करते रहे l
उन दिनों हनुमान जी लंका की और चले गये थे जहा रावन का भाई विभीषण राज करता था, उस वक़्त उन्होंने जंगलो में ही रहना शुरू कर दिया था जहा के कुछ समुदाय के लोगो ने उनकी सेवा करी l
उनकी सेवा से प्रसन्न होकर पवनपुत्र ने जाते जाते कहा ” मै तुम्हारी सेवा से प्रसन्न हुआ फलस्वरूप मै तुम्हे एक मन्त्र वरदान स्वरूप देता हूँ “
कालतंतु कारेचरन्ति एनर मरिष्णु , निर्मुक्तेर कालेत्वम अमरिष्णु
“जब भी तुम्हे मेरे दर्शन प्राप्त करना हो इस मन्त्र का जाप करना और मै एक प्रकाश की तीर्व्गति के सामान तुम तक पहुच जाऊंगा “
इस मंत्र का दुरुपयोग न हो इसके लिए ऊपर दी गयी दो शर्तें रखी गयी थी ।।
जय श्री राम
ReplyDeleteअविश्वसनीय
ReplyDeleteराम लखन सीता सहित हनुमान की जय
ReplyDeleteअरविंद ज्योतिष किसी भी प्रकार की समस्या हो आप हमे कोल कर सकते हो जैसे कि लव मैरिज विदेश यात्रा सौतन वा दुश्मन से छुटकारा कारोबार नोकरी व्यापार शीघ्र विवाह या फिर पति-पत्नी प्रेमी-प्रेमिका मे कोई अनवन रहती हो या फिर आप के घर मे कोई बीमार रहता हो आप हमे कोल कर सकते हो अरविंद ज्योतिष मोबाइल नंबर 09970992037 (24) घन्टे सेवा उपलब्ध हम आप लोगो से वादा करते हे की आप लोगो का काम (11) से (24) घन्टे के अन्दर पूरा करके दिया जाएगा हम कहते नही करके दिखाते हे भाईयो और बहनो को सूचित किया जाता है की कही भी पैसा फसाने से पहले एक बार जरुर कोल करे हम आप लोगो को उचित रास्ता देंगे और फ्री सलाह भी देगे अरविंद त्रिपाठी मोबाइल नंबर 09970992037 इस साइट पर लिखा हुआ इस्तेमाल करने से पहले एक बार जरुर कोल करे हम आप लोगो को उचित रास्ता देंगे और फ्री सलाह भी देगे अरविंद त्रिपाठी मोबाइल नंबर 09970992037
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ReplyDeleteKitni baar mantra japna hei.
ReplyDeleteJai Shri Ram
ReplyDeleteShri hanuman ka kitni baar mantar ka jaap Kari jis se hanuman ji darshan dhe sake.
ReplyDeleteकालतंतु कारेचरन्ति एनर मरिष्णु , निर्मुक्तेर कालेत्वम अमरिष्णु
ReplyDeleteThis is incomplete mantra or missguide the people's.Because this mantra no any effect. That's I realised.
तो सही क्या है
Deleteतुम जैसे चूतियो की ही कमी होती ह जो की हर जगह आके पूरा कर देते ह क्यों किसी को बेवजह रास्ता भटकने का काम करते हो हम मानते है इन्हे तो तुम लोगो को क्या दिक्कत ह भाई
Deleteजय श्री राम जय श्री राम जय श्री कृष्ण
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