दुनिया में आये है कुछ कर दिखाएंगे,
पत्थर को भी ज़िंदादिल बनायेंगे.
जहाँ तक जायेगी ये नजर,
हर दिल में शमा जलायेंगे.

"अस्थायी समस्या (Temporary Problem)" या "स्थायी समस्या ( Permanent Problem)
-------------------------------------------

जब हम अपने सपनों को अपनी "अस्थायी समस्याओं" (Temporary Problems) के सामने समर्पण कर देते हैं, तब हम अपने जीवन की स्थायी हार (Permanent Defeat) की तरफ बढ़ते हैं. एक रिसर्च के अनुसार, 99% बार हम अपने को जिंदगी की "अस्थायी समस्याओं" के सामने समर्पण कर ही देते हैं. 

समस्याएं आएंगे और जाएँगी, कोई भी इस दुनिया में बिना समस्याओं का नहीं है. इसलिए अपने सपनों को हमेशा सबसे ऊपर रखिये, उनको मरने मत दीजिये, चाहे कितनी ही बड़ी समस्या हो, बस थोड़ा सा उसे "अस्थायी समस्या (Temporary Problem)" या "स्थायी समस्या ( Permanent Problem) का अंतर समझते हुए बड़े नजरिये से देखने की जरुरत है.
 
मित्रों याद करके देखिये इस दुनिया में कोई भी समस्या स्थाई (Permanent) नहीं है, जो आई है उसे जाना ही है, बस हमें उस थोड़े से क्षण को संभालना है, जैसे :-

समस्या 1 - हम ऑफिस जा रहे हैं, बारिश आ गई, सड़क पर जाम लग गया, सोचिये वहां के बारे में जहाँ बाढ़ या आपदा आई है. फिर भी हम शिकायत करते हैं, बताइये कहाँ है हमारे सामने समस्या ?

समस्या 2 - जब हम अपनी मनपसंद चीज न बनने पर, अच्छे जूतों, अच्छे कपड़ों के न मिलने पर रोते हैं तो सोचिये उन बच्चों के बारे में जो सड़कों में भीख मांग रहे हैं. फिर भी हम शिकायत करते हैं, बताइये कहाँ है हमारे सामने समस्या ?
 
समस्या 3 - जब हम किराये के घर में रहकर, जल्द से जल्द अपना घर बनाने के लिए उतावले हो जाते हैं, तो सोचिये उनके बारे में जो सड़कों के किनारे, खुले आसमान के नीचे रहते हैं. फिर भी हम शिकायत करते हैं, बताइये कहाँ है हमारे सामने समस्या ?

समस्या 4 - ऑफिस पहुँचने पर बॉस चिल्लाने लगा या सैलरी कम होने पर हम दुखी हैं, तो सोचिये उनके बारे में जिनके पास नौकरी नहीं है. फिर भी हम शिकायत करते हैं, बताइये कहाँ है हमारे सामने समस्या ?

समस्या 5 - जब हम Exam में अच्छे नंबर न आने पर नाखुश होते हैं, परेशान हो जाते हैं तो सोचिये उनके बारे में जो स्कूल या कॉलेज भी न जा पा रहे हों या हमारी क्लास में फ़ैल हो गए हों. फिर भी हम शिकायत करते हैं, बताइये कहाँ है हमारे सामने समस्या ?        

गिनाने को बैठ जाये तो हजारों समस्याएं हम सब यहाँ गिन सकते हैं. 

मित्रों "बार बार समस्या समस्या बोलने का मतलब है दूसरों के घर का कूड़ा अपने घर ले आना."

"एक ज्वलंत सोच" - 
"क्योँ न आज से समस्याओं की जगह सिर्फ और सिर्फ समाधानों की बात करें ?"      

मित्रों ये सब समस्याएं अस्थायी (Temporary) हैं, इनको सोच सोच कर स्थायी (Permanent) बनाने की कोशिश मत करो. 

"हम इस दुनिया में इन छोटी छोटी समस्याओं में उलझने के लिए नहीं आये हैं. हमने भारत देश में जन्म लिया है. गर्व करिये अपने पर, इस धरती पर जन्म लेने पर." 

मित्रों, समस्याएं हैं तो समाधान भी जरूर होगा. जिंदगी में ऐसी कोई भी समस्या नहीं जिसका समाधान न हो. बस देखना ये है कि कहीं "हम अस्थाई समस्याओं को ही स्थाई समस्या न मान लें." दुनिया हमें "समाधान के लिए जाने, न की समस्याओं के लिए", ये बात हमें हमेशा ध्यान रखनी है.

मान कर चलिये, इसी तरह हमारा देश भी मात्र 2 साल में बदल सकता है, अगर हमारे भारत की "सभी राजनितिक पार्टियां", "समाधानों की तथा अच्छा काम करने की प्रतियोगिता (Competition) करें", वैसे ही जैसे हम स्कूल, कॉलेज में 1st आने के लिए करते हैं, ये सोचते हुए कि हम दूसरी राजनितिक पार्टियों के काम को क्यों देखें कि वो क्या कर रही है, हम तो अपनी राजनितिक पार्टी के काम को देखेंगे कि हम क्या कर रहे हैं. 

स्कूल में मेरा बच्चा 1st आए की समझ तो है हमारे पास, पर हमारी कॉलोनी, हमारा शहर, हमारा प्रदेश, हमारा देश पहले नंबर (1st Place) पर कैसे आये, इसकी सोच हमें किसी भी हाल में विकसित करनी ही पड़ेगी. 

मित्रों जिस दिन ये सोच हमारे अंदर आ जायेगी, फिर वो दिन दूर नहीं, जब हम सब मिलकर ये कहेंगे :
हाँ हाँ, भारत विश्व गुरु था और हम सब मिलकर इसको फिर से विश्व गुरु बना कर ही रहेंगे.

किसी ने सही कहा है :-

दुनिया में आये है कुछ कर दिखाएंगे,
पत्थर को भी ज़िंदादिल बनायेंगे.
जहाँ तक जायेगी ये नजर,
हर दिल में शमा जलायेंगे.

जय हिन्द 
जय भारत

0 comments:

Post a Comment

Contact Form

Name

Email *

Message *

Blog Archive

Translate Language

Popular Posts

click on