जीवन में नफरतों में क्या रखा है।
मोहब्बत से जीना सीखो, 
क्यूंकि यारों 
ये दुनिया न तो मेरा घर है,
और न ही आपका ठिकाना।
ना मैं यहाँ पर्मनेंट रहूँगा 
और ना ही आप। 
ईसीलिए भले ही अपने उसूल हमेशा खुद से ऊपर रखना,
पर रिश्तो में जरा झुकने का जिगर रखना।

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