आपने बॉलीवुड और हॉलीवुड की कई फ़िल्मों में ऐसे किरदारों को देखा होगा, जिनके पास कुछ अजीबो-गरीब शक्तियां होती हैं. वे इन शक्तियों के माध्यम से या तो समाज की भलाई के लिए कार्य करते हैं या फ़िर उसमें बुराई फैलाने के लिए. यहां मैं उन सुपर हीरोज़ की बात नहीं कर रहा जिन्हें आप हवा में उड़ते देखते हैं या फ़िर कई लोगों से अकेले लड़ते.
ये लोग दिखने में आम इंसानों की तरह ही होते हैं, लेकिन इनके पास ऐसी शक्तियां होती हैं, जिनका इस्तेमाल करके ये कई अदभुत कारनामों को अंजाम देते हैं. ये लोग दावा करते हैं कि वे अपने दिमाग के एक हिस्से का प्रयोग करके उन कार्यों को करते हैं जिन्हें आम इंसान चमत्कार समझते हैं. अब आप सोच रहे होंगे क्या इस तरह के चमत्कार करना वास्तविक जीवन में संभव है? इसका जवाब देने से पहले मैं आपसे पूछना चाहूंगा क्या आपने अपने आस-पास ऐसे लोगों को देखा है, जो आत्माओं से बात करने, हवा में उड़ने या फ़िर आप के मन की बातों को जानने का दावा करते हैं? अगर हां, तो आप इसका जवाब बेहतर तरीके से जानते होंगे. खैर में आपको बता दूं कि विज्ञान अब तक इस तरह की शक्तियों के पीछे का राज़ नहीं पता लगा पाया है.

1. Bi-location – एक ही समय में दो स्थानों पर मौजूद रहना चमत्कार है?

ज़रा सोचिए, अगर आप एक ही समय में दो स्थानों पर मौजूद रहेंगे तो आपके लिए ज़िंदगी कितनी आसान हो जाएगी? जी हां, दुनिया में ऐसे लोग हुए हैं जिनके पास इस तरह की अद्भुत शक्ति थी. इनमें से एक व्लादिमीर लेनिन थे, और दूसरे Aleister Crowley. दोनों से जुड़े कुछ ऐसे दस्तावेज़ मिले हैं, जिनसे ये बात समाने आती है कि वे एक ही समय पर अलग-अलग जगहों पर मौजूद थे. इसमें दिलचस्प बात ये है कि ये लोग खुद ही नहीं जानते थे कि उनके भीतर कोई ऐसी शक्ति भी मौजूद है. खैर, इस बात से जुड़े कोई वैज्ञानिक प्रमाण सामने नहीं आएं हैं.
2. Telepathy – बिना किसी प्रकार के गैजेट का प्रयोग किए आप किसी से भी संपर्क साध सकते थे.

इस तरह की असाधारण शक्तियों के बारे में आपने उपन्यासों और फ़िल्मों में ही देखा और पढ़ा होगा. लेकिन ऐसी शक्ति वॉशिंगटन के Irving Bishop और Stuart Cumberland में हैं. खैर, उन्होंने इस बात से इंकार किया है कि उनके पास इस तरह की कोई असाधारण शक्ति भी हैं. उनका कहना है कि हम लोगों के हाव-भाव को देख कर ही उनसे जुड़ी बातें जान लेते हैं. हालांकि, वैज्ञानिक Telepathy को विज्ञान का हिस्सा नहीं मानते. लेकिन 2014 में Dr Michel Berg और Dr Alejandro Riera नाम के दो वैज्ञानिकों द्वारा किए गए अध्ययन ने इस क्षेत्र में हलचल पैदा कर दी थी.

3. Clairvoyance – Extra-Sensory Perception के तहत व्यक्ति इतिहास और भविष्य में झांक सकता है.

इस क्षमता के तहत व्यक्ति एक समय में भविष्य और इतिहास से जुड़ी कई घटनाओं को देख सकता है, जिसे Clairvoyance कहते हैं. वैसे आम इंसनों के लिए तो ये किसी चमत्कार से कम नहीं था. विक्टर रेस वो नाम है जिसने सबसे पहले (1784) Clairvoyant से लोगों को अवगत कराया था. ये व्यक्ति एक किसान था, लेकिन इसने बाद में अपनी शक्ति का इस्तेमाल करके लोगों की परेशानियों और बीमारियों को दूर करने का कार्य शुरू कर दिया. कई संगठनों ने ये दावा किया था कि अगर कोई इससे जुड़े तथ्यों को सामने लागएगा तो वे उसे काफ़ी पैसा देंगे, लेकिन कोई भी उससे जुड़े तथ्यों को सामने लाने में कामयाब नहीं रहा. खैर आज भी ऐसे लोग मौजूद है जो भविष्य और इतिहास को देखने का दावा करते हैं.

4. Telekinesis – इस क्षमता के तहत कोई व्यक्ति बिना किसी वस्तु को छुए उसे हिला सकता है.

फ़िल्म ‘क्रिश’ में आपने ‘काल’ को सिर्फ़ अपनी उंगली का इस्तेमाल करके चीज़ों को इधर से उधर करते देखा होगा, इस क्षमता को ही Telekinesis कहते हैं. 1984 में अमेरिकी सेना ने इस उम्मीद के साथ इस विषय पर रिसर्च की कि वे इससे सैना की ताकत बढ़ा सकते हैं, लेकिन उन्हें इस रिसर्च से किसी प्रकार की मदद नहीं मिली. हालांकि 130 साल के अनुसंधान के बाद PEAR लेब का वैज्ञानिक समुदाय इस शक्ति के होने पर विश्वास करता है.

5. Automatic writing – किसी चीज़ की जानकारी न होने के बाद भी उसके बारे में लिखने की क्षमता.

इस बात पर विश्वास किया जाता है कि लेखकों के दिमाग में कुछ बातें अपने आप ही आ जाती है, जिन्हें वो लिख देता है. और कुछ बातें परलोकिक शक्तियां उससे लिखवाती हैं. अगर आप इस बात को बेहतर तरीके से समझना चाहते हैं तो आप Planchette और Ouija Board के बारे में पढ़ सकते हैं. Sherlock Holmes के निर्माता Sir Arthur Connan Doyle ने भी इस बात की पुष्टि की थी.

6. Empathy – किसी दूसरे व्यक्ति की भावनाओं को महसूस करना.

आपमें से कई लोग शायद ऐसे होंगे जो अपने करीबी की भावनाओं को खुद-ब-खुद समझ जाते हैं. Edgar Cayce कहते हैं कि इस तरह की क्षमता रखने वाला व्यक्ति वो होते हैं जिन्होंने मौत को बेहद करीब से देखा होता है, या वे कथित लोग जो पुर्नजन्म का दावा करते हैं.

7. Astral Projection – अपने शरीर को त्याग कर दोबारा उसमें वापस आ जाना.

मानने वाले मानते हैं कि आत्मा के पास ही ये शक्ति होती है कि वो शरीर को छोड़ कर उसमें दोबारा वापस आ जाती है. Robert Monoer ने इस तरह के अनुभवों पर एक किताब भी लिखी है, जो बेहद प्रसिद्ध हुई थी. यहां तक उन्होंने इस तरह की रिसर्च करने के लिए Institution भी खोला था, लेकिन विज्ञान इन बातों को सच नहीं मानता।

भारत में भुगतान प्रणाली का नियमन (regulation) भुगतान और निपटान प्रणाली अधिनियम, 2007 (PSS  अधिनियम), के अनुसार किया जा रहा है, जो कि दिसंबर 2007 में संसद द्वारा पास हुआ था| देश की शीर्ष मौद्रिक संस्था होने के नाते भारतीय रिजर्व बैंक का यह दायित्व है कि देश में भुगतान प्रणाली की दिशा में तकनीकी प्रगति हो और सुरक्षित भुगतान के लिए ज्यादा से ज्यादा लोग आगे आयें| ज्ञातब्य है कि भारत में सभी भुगतान प्रणालियां भारतीय रिजर्व बैंक की देखरेख में काम करतीं हैंl


दरअसल भारत में इस समय बहुत सी भुगतान प्रणालियाँ चलन में हैं जिनमे मुख्य हैं:

1.  राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक निधि अंतरण (National Electronic Funds Transfer -NEFT)


2.  तत्काल सकल निपटान (Real Time Gross Settlement- 'RTGS')


3.  तत्काल भुगतान सेवा (Immediate Payment Service-IMPS)


आइये अब इन तीनों के बारे में एक एक करके जानते हैं


1. नेशनल इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर (NEFT) भारत के सबसे प्रमुख इलेक्ट्रॉनिक धन हस्तांतरण प्रणालियों में से एक है। इसे नवंबर 2005 में शुरू किया गया था| NEFT एक व्यक्ति के खाते से दूसरे व्यक्ति के खाते में रूपये भेजने की सुविधा है| इसमें रुपया तुरंत ही लाभार्थी के खाते में जमा हस्तांतरित नही किया जा सकता है बल्कि इसको भेजने के लिए प्रति घंटा के हिसाब से टाइम स्लॉट बंटे होते हैं जिनमे ही इस माध्यम से रुपये भेजे जा सकते हैं| इसे इलेक्ट्रॉनिक संदेशों के माध्यम से किया जाता है। यह सुविधा देश की 30,000 बैंक शाखाओं में उपलब्ध हैं। भारत में इस सेवा के माध्यम से 2014-15 में $ 890 अरब भेजे गए थे जो कि पिछले साल US$650 थे |


2. तत्काल सकल निपटान (Real Time Gross Settlement- 'RTGS'): भारतीय RTGS प्रणाली लगभग 16 दिन में देश की जीडीपी के बराबर का लेन-देन कर देती है। RTGS  राष्ट्रीय भुगतान प्रणाली में माध्यम से देश के उच्च मूल्य लेनदेन वाले 95% भुगतान इसी भुगतान प्रणाली के माध्यम से किये जाते हैं | यह भुगतान प्रणाली पूरे विश्व में सबसे ज्यादा इस्तेमाल की जाती है| 1985 में इसके माध्यम से केवल 3 देशों के केन्द्रीय बैंक भुगतान करते थे लेकिन इस समय विश्व के 100 से अधिक देशों के केन्द्रीय बैंक इसका इस्तेमाल कर रहे हैं| RTGS के माध्यम से रुपये का हस्तांतरण बिना किसी देरी के किया जाता है इसमें जैसे ही किसी ने ऑनलाइन पैसे भेजने के लिए ok का बटन दबाया, लाभार्थी के खाते में रुपये तुरंत पहुँच जाते हैं|


3. तत्काल भुगतान सेवा Immediate Payment Service (IMPS): इस सेवा को सार्वजनिक रूप से 22 नवंबर, 2010 को शुरू किया गया था। इस सेवा के माध्यम से एक बैंक अकाउंट से दूसरे बैंक अकाउंट में रुपया कभी भी किसी भी समय भेजा जा सकता है| इस सेवा का लाभ मोबाइल फ़ोन के माध्यम से भी उठाया जा सकता है l NEFT और RTGS के विपरीत, इस सेवा का उपयोग बैंक की छुट्टियों के समय भी पूरे साल 24x7 किया जा सकता है। इस सेवा का प्रबंधन राष्ट्रीय भुगतान निगम (National Payments Corporation of India –NPCI) द्वारा किया जाता है |


नेशनल इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर (NEFT) और तत्काल सकल निपटान (RTGS) के बीच में क्या अंतर है ?


इन दोनों भुगतान सेवाओं के बीच निम्न आधारों पर भेद किया जा सकता है :-


a. NEFT के माध्यम से फंड ट्रांसफर मुख्य रूप से छोटे बचत खाता धारक करते हैं जबकि RTGS का उपयोग बड़े बड़े उद्योग घराने, संस्थाएं इत्यादि करते हैं |


b. NEFT के माध्यम से भुगतान एक समय के बाद होता है लेकिन RTGS के माध्यम से भुगतान तुरंत उसी समय हो जाता है |


c. NEFT का उपयोग छोटी राशि को भेजने के लिए किया जाता है जबकि RTGS के माध्यम से कम से कम 2 लाख रुपये का ट्रांसफर करना जरूरी हिता है जबकि NEFT के मामले में ऐसी कोई न्यूनतम या अधिकत्तम की सीमा नही है |


d. NEFT के माध्यम से पैसे भेजने के लिए बैंकों में सोमवार से शुक्रवार तक सुबह के 9 बजे से शाम के 7 बजे तक का समय तय रहता है जबकि शनिवार के दिन सुबह के 9 बजे से दोपहर के 1 बजे तक पैसे भेजे जा सकते हैं | लेकिन RTGS प्रणाली से पैसे तुरंत (continuous basis पर ) भेज दिए जाते हैं (लेकिन उस दिन बैंक का खुला होना जरूरी होता है)


e. हस्तांतरण लेनदेन पर लगने वाला शुल्क


NEFT में लगने वाला शुल्क


लेनदेन करने के लिए रुपये1 लाख के लिए, शुल्क- (रुपए 5+सेवा कर)


1 लाख रुपये से अधिक और 2 लाख से कम के लिए, शुल्क - 15 रुपये से अधिक नही (+सेवा कर)


2 लाख रुपये से अधिक के लेन-देन के लिए, शुल्क-25 रुपये से अधिक नही (+सेवा कर)


RTGS में लगने वाला शुल्क


2 लाख रुपये से 5 लाख तक के लेन-देन के लिए शुल्क: 30 प्रति हस्तांतरण से अधिक नही


5 लाख रुपये से अधिक के लेन-देन के लिए शुल्क: 55 प्रति हस्तांतरण से अधिक नही


तो इस प्रकार कहा जा सकता है कि देश में जैसे-जैसे तकनीकी और शैक्षिक विकास होगा और लोगों के पास अधिक से अधिक संख्या में मोबाइल और इन्टरनेट की पहुँच होगी, इलेक्ट्रोनिक माध्यमों में होने वाले आर्थिक लेन देन की संख्या और बजट में साल दर साल बृद्धि होती ही जायेगी |

जन्मकुण्डली में सूर्यादि ग्रहों के द्वारा किसी प्रकार की अनिष्ट की आशंका हो या मारकेश आदि लगने पर, किसी भी प्रकार की भयंकर बीमारी से आक्रान्त होने पर, अपने बन्धु-बन्धुओं तथा इष्ट-मित्रों पर किसी भी प्रकार का संकट आने वाला हो।
महामृत्युंजय मन्त्र

देश-विदेश जाने या किसी प्राकर से वियोग होने पर, स्वदेश, राज्य व धन सम्पत्ति विनष्ट होने की स्थिति में, अकाल मृत्यु की शान्ति एंव अपने उपर किसी तरह की मिथ्या दोषारोपण लगने पर, उद्विग्न चित्त एंव धार्मिक कार्यो से मन विचलित होने पर महामृत्युंजय मन्त्र का जप स्त्रोत पाठ, भगवान शंकर की आराधना करें।
यदि स्वयं न कर सके तो किसी पंडित द्वारा कराना चाहिए। इससे सद्बुद्धि, मनःशान्ति, रोग मुक्ति एंव सवर्था सुख सौभाग्य की प्राप्ति होती है।

महामृत्युंजय के अनुष्ठान एंव लधु रूद्र, महारूद्र तथा सामान्य रूद्राअभिषेक प्रायः होते ही रहते है, लेकिन विशेष कामनाओं के लिए शिर्वाचन का अपना अलग विशेष महत्व होता है। महारूद्र सदाशिव को प्रसन्न करने व अपनी सर्वकामना सिद्धि के लिए यहां पर पार्थिव पूजा का विधान है, जिसमें मिटटी के शिर्वाचन पुत्र प्राप्ति के लिए, श्याली चावल के शिर्वाचन व अखण्ड दीपदान की तपस्या होती है। शत्रुनाश व व्याधिनाश हेतु नमक के शिर्वाचन, रोग नाश हेतु गाय के गोबर के शिर्वाचन, दस विधि लक्ष्मी प्राप्ति हेतु मक्खन के शिर्वाचन अन्य कई प्रकार के शिवलिंग बनाकर उनमें प्राण-प्रतिष्ठा कर विधि-विधान द्वारा विशेष पुराणोक्त व वेदोक्त विधि से पूज्य होती रहती है।

ऊॅ हौं जूं सः। ऊॅ भूः भुवः स्वः 
ऊॅ त्रयम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
उव्र्वारूकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्।।
ऊॅ स्वः भुवः भूः ऊॅ। ऊॅ सः जूं हौं।

महामृत्युंजय के जाप का तरीका -

कामना विशेष में जप संख्या-

राष्ट्र विनाशोन्मुख की स्थिति में आ गया हो अर्थात अपने देश पर किसी शत्रु द्वारा आक्रमण होने पर, देश ग्राम में महामारी हैजा, प्लेग, डेंगू आदि बामारी आने पर उसकी शन्ति के लिए एक करोड़ महामृत्युंजय मन्त्र का जाप करवाना चाहिए।


सवा लाख मन्त्र का जाप -
किसी भी प्रकार की बीमारी से मुक्ति पाने के लिए तथा अनिष्ट सूचक स्वप्न देखने पर शुभफल की प्राप्ति हेतु सवा लाख मन्त्र का जाप करवायें।


दस हजार मन्त्र का जाप -
अपमृत्य अर्थात अग्नि में जलकर, पानी में डूबकर, सर्प आदि किसी विषधर जन्तु के काटने पर उसके दुष्प्रभाव से मुक्ति पाने के लिए दस हजार मन्त्र का जाप करवायें।


सफल यात्रा के लिए जाप -
अपने विषय में स्वजनों व इष्टमित्रों के सम्बन्ध में किसी प्रकार के भी अनिष्ट सूचक समाचार मिलने पर तथा सफल यात्रा के लिए एक हजार महामृत्युंजय मन्त्र का जाप करवाना चाहिए।


पुत्र-पौत्रादि की प्राप्ति के लिए जाप -
अपनी अभीष्ठ सिद्ध, पुत्र-पौत्रादि की प्राप्ति, राज्य प्राप्ति एंव मनोनुकूल सम्मान प्राप्त तथा प्रचुर धन-धान्य प्राप्ति करने के लिए सवा लाख महामृत्युंजय मन्त्र का जाप करवाना लाभप्रद साबित होता है।


विविध कामनानुसार हवनीय द्रव्य -
वैसे तो सामान्य हवन विधान में यव, तिल, चावल, घी, चीनी और पंचमेवा ही प्रधान है, किन्तु किसी विशेष कामना के लिए जप किया गया हो, तो निम्नलिखित द्रव्यों का हवन करें।


दूध, दही, दूर्वा, बिल्वफल....
यदि सवा लाख महामृत्युंजय मन्त्र का जप किया गया हो तो दूध, दही, दूर्वा, बिल्वफल, तिल, खीर, पीली सरसों, बड़, पलाश तथा खैर की समिधा (लकड़ी) को क्रमशः शहद में डुबोकर हवन करें।


धन-धान्यादि की उपलब्धि के लिए -
किसी भी रोग से हमेशा के लिए मुक्ति पाने के लिए, शत्रु पर विजय, दीर्घायुष्य, पुत्र-पौत्रादि की प्राप्ति एंव प्रचुर धन-धान्यादि की उपलब्धि के लिए सुधाबल्ली (गुरूच) की चार-चार अंगुल की लकड़ी से हवन करें।


लक्ष्मी-प्राप्ति के लिए -
मनचाही लक्ष्मी-प्राप्ति के लिए बिल्वफल का हवन करना चाहिए।

लकड़ी से हवन -
ब्रहम्त्व सिद्धि के लिए पलाश की लकड़ी से हवन करना चाहिए।

धन प्राप्ति के लिए -
प्रचुर धन प्राप्ति के लिए वट की लकड़ी से हवन करें।

सौन्दर्य प्राप्ति के लिए -
सौन्दर्य प्राप्ति के लिए खैर की लकड़ी से हवन करें।

पाप विनाश के लिए -
अधर्मादि पाप विनाश में तिल से हवन करें।

शत्रु नाश के लिए -
शत्रु नाश में सरसों से हवन करना लाभप्रद रहता है।

यश के लिए -
यश एंव श्री प्राप्ति के लिए खीर से हवन करें।

मृत्यु के विनाश के लिए -
कृत्या (जादू-टोना, पिशाच आदि ) एंव मृत्यु के विनाश के लिए दही से हवन करना चाहिए।

रोग क्षय करने के लिए -
रोग क्षय करने के लिए तीन-तीन दूर्वाओं के कुरों से हवन करना चाहिए।

प्रबल ज्वर से विमुक्ति पाने के लिए -
प्रबल ज्वर से विमुक्ति पाने के लिए अपामार्ग की लकड़ी में पकायी हुयी खीर से हवन करें।

किसी व्यक्ति को अपने वश में करना हो -
किसी व्यक्ति को अपने वश में करना हो, तो गाय के दूध और घी मिश्रित दूर्वांकुरों से हवन करें।

बीमारी से मुक्ति पाने के लिए -
किसी प्रकार की बीमारी से मुक्ति पाने के लिए काशमीरी फूल की तीन-तीन लकडि़याॅ तथा दूध और अन्न की आहूति करनी चाहिए।

'स्वाहा' शब्द का उच्चारण जरूर करें
हवन करते समय प्रत्येक आहूति में 'स्वाहा' शब्द का उच्चारण जरूर करें, हवन करने के पश्चात् एक पात्र में दूध मिश्रित जल लेकर 'महामृत्युंजय तर्पयामि' अथवा 'अमुक' तर्पयामि कहकर तर्पण करें। जप यदि स्वयं किया गया हो तो दूर्वकुरों से जल लेकर अपने शरीर पर या यजमान के लिए किया गया हो, तो यजमान के शरीर पर दशांश संख्या के अनुसार मार्जन भी करना चाहिए।

SUCCESS का अचूक मंत्र : EXTRA EFFORTS 

दोस्तों नमस्कार ……

इस दुनिया में हर एक इंसान Success चाहता है । 
शायद आप और में भी ? 

👉 क्या इसे आसानी से पाया जा सकता है ? 


………लेकिन ये क्या हमने तो वचपन से लेकर आज तक यही सुना है कि जिंदगी में सफल होना बहुत मुश्किल काम है । और हम लोग भी यही मानते है ………..

लेकिन अगर हम सही हैं तो ऐंसा क्यों होता है ,कि कुछ लोग हमसे भी बुरी परिस्थितियों  में पैदा हुए, हमसे भी ज्यादा कठिनाइयों का सामना किया , उनके पास भी समय हमारे बराबर था और आज वो सफल हैं ।  तो Success सफलता का आसान तरीका कौंन सा हैं??? 

👉 मैंने जब इस पर बहुत सोचा तो कुछ समझ आया वही आपसे share कर रहा हूँ । 

दोस्तों हम सभी अपने अपने Interest के हिसाब से किसी न किसी को अपना Ideal मानते हैं…..
 …..मन ही मन उसके जैसा बनने के सपने देखते हैं ।। और इंतजार करते है किसी चमत्कार का…… जो हमें उसके जैसा बना दे, लेकिन दोस्तों ऐंसा चमत्कार कभी नहीं हुआ । 
तो हमें करना क्या पड़ेगा ? अब में सीधी बात करता हूँ, आज हम जो कुछ भी हैं अपनी आदतों (Habits) का नतीजा हैं ।

कहने का मतलव, हमारी आदतें या Habits इतनी Powerful होतीं हैं, कि ये हमारी Life बना भी सकती हैं…….. और Life को Destroy भी कर सकतीं हैं ।

  आप जिसके जैसे बनना चाहते हो, उसने भी कोई सफ़र तय किया है……. तब जाकर अपनी मंजिल पर पहुंचा हैं । मतलव हम उसके जैसा बनना तो चाहते हैं पर उसने क्या किया वह करना नहीं चाहते।  ……………अगर हम अपनें Ideal जैसा बनने के सपने के सांथ सांथ उसकी आदतें या Habits भी अपना ले, तो शायद हमें भी सफलता मिल सकती है । 

वस् एक ही बात समझने की कोशिश करें जितने भी सफल लोग हैं……… उन्होंने एक लक्ष्य बनाया और हर वह काम किया जो उन्हें अपने लक्ष्य Goal  के पास ले जाता है ।। उन्होंने जमकर Practice की , Extra Efforts लगाकर  अपने आप को बदला और बन गए  Ordinary से Extraordinary…….. कई बार वो भी हताश् हुए Reject हुए पर रुके नहीं।

दोस्तों , क्यों सफलता का दूसरा रास्ता ढूंढने में अपना समय बर्बाद करें । क्योंकि सफलता (Success) का तो एक ही आसान रास्ता है जो सफल लोगों ने तय किया है ….. उनकी habits अपनाओं और सफल हो जाओ ?

Also Read: एक दिन आप कभी हार नहीं मानने वाले सदाबहार व्यक्ति बन जाओगे

👉 Problem एक ही है -

Fitness या Rhitik Roshan की तरह Six Packs तो सभी चाहते हैं लेकिन Gym में पसीना कोई नहीं बहाना चाहता । 

   “मैं ट्रेनिंग के हर एक मिनट से नफ़रत करता था , लेकिन मैंने कहा , हार मत मानों ।

     अभी सह लो और बाक़ी की जिंदगी एक champion की तरह जियो  ।                                                                                                                                    

✔ Friends, हमारा Potential पहले से ही Comfort Zone नाम के कवर में क़ैद है । इस कवर को हटा दो क्योंकि Ordinary और Extra Ordinary में फ़र्क सिर्फ ज़रा से Extra का ही है।
मतलव साफ़ है, अपने आप को Comfort Zone से बाहर निकालने के लिए थोड़ा सा Extra Efforts करें और ऐँसी Habits को अपनाएं जो हमें अपने लक्ष्य के करीब ले जाएँ । शायद यही सफलता का अचूक मंत्र  है । 

✔ दोस्तों, आनें वाले blogs के माध्यम से हम सफल लोगों की एक एक आदत पर विस्तार से बात करेंगे और सांथ ही उन habits को कैसे अपनाया जा सकता है, तरीक़े जानने के प्रयास भी करेंगे । यदि आपको यह लेख अच्छा लगा , तो इसे share ज़रूर करें,और  subscribe करना न भूलें ।

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ज़मीर ज़िंदा रख, कबीर ज़िंदा रख.
सुल्तान भी बन जाए तो, दिल में फ़क़ीर ज़िंदा रख..!
हौसले के तरकश में, कोशिश का वो तीर ज़िंदा रख..
हार जा चाहे जिन्दगी मे सब कुछ, मगर फिर से जीतने की उम्मीद जिन्दा रख..!

क्या हमें ये पता है कि हमारे सभी पूर्वज - भगवान राम, भगवान कृष्ण, आचार्य चाणक्य आदि कितने बड़े मैनेजमेंट गुरु थे, वे कितने बड़े लीडर थे ?
-----------------------
बात करते हैं श्री राम की .....

(मित्रों निवेदन है इस article को किसी जाति विशेष से न जोडें. अपनी उन्नति के लिए ज्ञान कही से भी मिले, कृपया लेते रहें.)

👉 (1) दृष्टि (VISION) 
किसी भी लीडर के लिए सबसे जरूरी गुण होता है - विजन. श्री राम का विजन स्पष्ट था. वे एक ऐसा राज्य चाहते थे जिसमें प्रजा को कोई कष्ट न हो. उनका मानना था कि "प्रजा के दुख" की सजा" - "राजा या शासक" को मिलनी चाहिए.

👉 (2) मूल्य (VALUES) 
विजन क्लीयर होने के बाद लीडर को तय करना होता है कि वह किन मूल्यों के सहारे इस विजन को कार्यरूप देना चाहता है. श्री राम का तो पूरा जीवन ही मूल्यों का समूह लगता है. माता-पिता की आज्ञा का पालन, प्रजा की देखभाल, दीन-दलित का उद्धार जैसे तमाम मूल्य.

👉 (3) रणनीति (STRATEGY)  भगवान राम चाहते तो अकेले ही लंका विजय कर सकते थे. लेकिन लंका विजय तक उन्होंने "अपने दल के हर सदस्य की क्षमता" का पूरा-पूरा उपयोग करने की रणनीति बनाई, जैसे लक्षमण जी, हनुमान जी, सुग्रीव इत्यादि.

👉 (4) प्रोत्साहन (MOTIVATION)  हमेशा अपनी दूसरी पंक्ति के व्यक्तियों को प्रोत्साहित करें. मित्रों मान कर चलिए हमारी सफलता इस बात पर निर्भर करेगी कि हम लीडर बनाते हैं या अनुयायी (Follower).   किसी भी लीडर की सफलता "सिर्फ और सिर्फ" इस बात पर निर्भर करती है कि "वह अपने लोगों" को कितना मोटिवेट कर पाता है. श्री राम ही नहीं, उनके दल की "द्वितीय पंक्ति के लीडर" भी मोटिवेशन के महत्व को समझते हैं. हनुमान जी समय समय पर अपनी शक्ति को भूल जाते थे. तब जामवंत उन्हें उनकी क्षमताओं का एहसास कराते हैं.

👉 (5) श्रेय (CREDIT) महान लीडर वह होता है जो अभियान की सफलता का श्रेय "खुद लेने के बजाय अपनी टीम के सदस्यों", जी हाँ "अपनी टीम के सदस्यों" को देता है. लंका विजय के बाद उन्होंने कितनी सहजता से अपनी जीत का श्रेय गुरू वशिष्ठ की कृपा और वानर भालुओं की सेना को दे दिया.

Also Read: जीवन में असली उड़ान अभी बाकी है, हमारे इरादों का इम्तिहान अभी बाकि है !!!

किसी ने बिलकुल सही कहा है :-

ज़मीर ज़िंदा रख, कबीर ज़िंदा रख..
सुल्तान भी बन जाए तो, दिल में फ़क़ीर ज़िंदा रख..!
हौसले के तरकश में, कोशिश का वो तीर ज़िंदा रख..
हार जा चाहे जिन्दगी मे सब कुछ, मगर फिर से जीतने की उम्मीद जिन्दा रख..!

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